GAGGANYAAN MISSION की गति बढ़ी, ISRO ने शुरू किया लॉन्च वाहन का निर्माण
- By Arun --
- Friday, 20 Dec, 2024
Gaganyaan Mission Gains Momentum, ISRO Begins Assembly of Human-Rated Launch Vehicle
Gaganyaan Mission Progress: ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान, की तैयारी में तेजी ला दी है। मानव रेटेड लॉन्च व्हीकल का असेंबली का काम शुरू हो गया है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को मानव अंतरिक्ष यान क्षमता वाले देशों की सूची में शामिल करना है।
मिशन की विशेषताएं
लॉन्च व्हीकल: गगनयान को मानव रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) से लॉन्च किया जाएगा, जिसे विशेष रूप से अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और भरोसेमंद प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मानव रहित मिशन: इसरो ने पहले दो मानव रहित परीक्षण मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सब कुछ सुचारू रूप से काम करे।
विकास की प्रगति: इसरो ने इस परियोजना के कई महत्वपूर्ण घटकों का परीक्षण पहले ही सफलतापूर्वक कर लिया है, जिनमें क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल शामिल हैं।
गगनयान के लक्ष्य
मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी की ऊंचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यात्री सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे, जहां वे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग करेंगे।
विशेषज्ञों और लोगों की राय
डॉ. एस. सोमनाथ (इसरो अध्यक्ष): "गगनयान मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। हम हर चरण में सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित कर रहे हैं।"
वैज्ञानिक समुदाय: विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीक और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।
आम जनता: गगनयान मिशन को लेकर देशभर में उत्साह है। एक इंजीनियर, रोहित शर्मा ने कहा, "यह भारत के लिए गर्व का पल है। यह मिशन भारतीय युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।"
भारत की वैश्विक स्थिति
गगनयान मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में ला सकता है, जिन्होंने पहले ही मानव अंतरिक्ष यान मिशन पूरे किए हैं। यह इसरो की विशेषज्ञता और देश की वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक होगा।
गगनयान मिशन केवल भारत के लिए एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बनने जा रहा है।